“ विश्व शान्ति मानव एकता व अध्यात्मिक सदभावना का प्रकाश पुन्ज”
विश्व सदभावना मंदिर
सप्तरोवर हरिद्वार २४९४०१ उत्तराखण्ड भारत
संस्थापक --- परमहंस ब्रह्म्ऋषि आचर्य पुष्पराज जी
विश्व सद्भावना मंदिर परम पवित्र पावन गंगा के तट पर सप्तसरोवर रोड हरिद्वार मे स्थापना की है। जिसमे समस्त देवी-देवताओ की संगमरमर की मोहनी मूर्तियां प्रतिष्ठित है। जिसमे समस्त धर्म समुदाय के लोग बिना किसी भेद – भाव के अपने-अपने अराध्य कि अर्चना कर शांति व मुक्ति प्राप्त कर सकते है।
(क) विश्व के प्रत्येक व्यक्ति मे सदभावना , स्वावलम्बन, समत्व , भावात्मक एकता एव बंधुत्व की भावना स्थापित करना।
(ख) व्यक्ति की आध्यात्मिक, मानसिक, शारीरिक व सांस्कृतिक उन्नति प्रयत्न्।
(ग) विकलांगों के लिये आर्थिक रुप से स्वावलम्बि बनाया तथा उनके अपने कौशल का विकास करना।
(घ) राष्ट्र प्रांत, भाषा, जाति, वर्ण, धर्म दल आदि भेदो को समाप्त करना ।
(ङ) मानवता की सेवा करना
साधना केंद्र
आध्यात्मिक संताप मे संत्रसित जीवों के लिये साधना केन्द्रहोगा जिसमे सहज योग एवम् राज योग प्रशिक्षण द्वारा आध्यात्मिक शांति प्राप्ति का मार्ग दर्शन किया जायेगा।
डॉक्टर उनकी बात सुनकर आश्चर्यचकित था । क्योकि आचार्य जी की उस महिला से पहली मुलाकात थी और उस मुलाकात मे उन्होने इतनी सारी जानकारी प्राप्त कर ली थी ।
योग केंद्र आधि दैविक संताप से पीड़ित व्यक्तियों के लिये यह केंद्र होगा जिसमें यंत्र मंत्र तंत्र एवम् योग द्वारा उन्हे पीड़ा मुक्त कर शांति हेतु पूर्ण प्रयत्नकिया जायेगा।
चिकित्सा केंद्र आधि भौतिक पीड़ा से पीड़ितों के लिये एक चिकित्सा केंद्र भी होगा जिसमे कैंसर, दमा, गठिया, बाय, अल्सर, अर्धांगवात, मिर्गी, पोलियो, हार्ट आदि कठिन रोगो कि चिकित्सा द्वारा शांति की जायेगी।
ज्योतिष केंद्रयह केंद्र भारत की प्राचीनतम ज्योतिष विधा द्वारा विश्व एकता, विश्व शांति के लिये काम करेगा । इसमे कुशल विध्यार्थियो को ज्योतिष का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
वृद्धाश्रम इसमें ५० वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के निवास भोजन आदि सभी प्रकार कि आवश्यकताओ व संतो कि देखरेख की निशुल्क व्यवस्था होगी।
बाल आश्रमइसमे असहाय बच्चों के पालन-पोषण की सम्पूर्ण व्यवस्था होगी । पढ़ाई, चिकित्सा, आदि व्यवस्था –गरीब बच्चो की पढ़ाई आदि व्यवस्था , गरीब कन्याओ का विवाह करना
गौ सेवा गायों की सेवा, अपाहिज, वृद्ध गायो की सेवा की व्यवस्था ।
विश्व सद्भावना मंदिर गरीब व्यक्तियो, संतो के भोजन(भंडारा) की व्यवस्था तथा गरीब छात्रो की पढ़ाई, गरीब लड्की की शादी मे आर्थिक सहायता प्रकृति प्रकोप मे वस्त्र, अनाज व दवाई वितरित कर रही है। आसाध्य रोगो जैसे- गठिया, दमा, शुगर,कैंसर आदि की निशुल्क चिकित्सा दिल्ली, हरिद्वार, घुलिया मे की जाती है।
जो संस्था के उद्देश्य मंदिर , औषधालय , भंडारा, गौ सेवा, वृद्धाअश्रम , गरीब बच्चोकी पढाई व गरीब लड्कियो की शादी और प्रकृति प्रकोप मे वस्त्र , भोजन, चिकित्सा, आदि कार्य मे मांनवता के प्रति संवेदनाशील है वो अपनी सुविधा अनुसार सदस्यता , दान देकर इस पवित्र उद्देश्य मे हमे सहयोग करके मानव कार्य मे अपना सहयोग देकर करे।